बहादुर बिटिया: दरिंदों ने पेट्रोल डाल जलाया, लपटों से घिरी एक किमी तक भागी फिर किया पुलिस को फाेन
हैदराबाद की डॉक्टर बिटिया से हैवानियत के बाद उन्नाव में गुरुवार को एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया। यहां एक सामूहिक दुष्कर्म की शिकार युवती को दरिंदों ने पेट्रोल डाल आग लगा दी। आग की लपटे देख बहादुर बिटिया घबराई नहीं। वो अपनी जान बचाने के लिए एक किमी तक भागी। लपटों से घिरी युवती को देख कुछ लोगों ने आग बुझाकर उसके कपड़े बदले।
इतना ही नहीं बहादुर बिटिया ने पुलिस को भी खुद ही फोन कर सूचना दी। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती करवाया। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो लपटों से घिरी पीड़िता जान बचाने के लिए बिहार कस्बे की तरफ भागी। एक किमी आगे एक मकान व पान की गुमटी के पास खड़े नन्हकऊ, रवींद्र व शिवकरन समेत अन्य लोगों ने शोर मचाते हुए भाग रही युवती पर कपड़ा डालकर आग बुझाई।
झुलसी युवती ने हिम्मत नहीं हारी और एक व्यक्ति के मोबाइल से डायल 112 पर सूचना दी। इसके बाद पुलिस पहुंची और घटना की सूचना लखनऊ के पुलिस अफसरों को दी। पुलिस झुलसी युवती को सीएचसी सुमेरपुर लेकर पहुंची। वहां से डॉक्टर ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय और एसपी विक्रांत वीर जिला अस्पताल पहुंचे और पीड़ित युवती से बातचीत की।
एसडीएम बीघापुर दयाशंकर पाठक ने बयान दर्ज किए। गंभीर रूप से झुलसी युवती ने एसडीएम को आपबीती सुनाई। आरोपियों के नाम भी बताए। आपको बताते चलें कि बीते 19 सितंबर को शिवम ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। पांच दिन पहले 30 नवंबर को ही जमानत पर छूटा था। बृहस्पतिवार सुबह करीब चार बजे उन्नाव के बिहार थाने के गौरा मोड़ के पास पीड़ित युवती पेशी की तारीख पर वकील से मिलने रायबरेली जा रही थी।
वह अकेले ही पैदल बैसवारा रेलवे हाल्ट स्टेशन की तरफ बढ़ रही थी। घर से एक किमी दूर शिवम व शुभम समेत पांच लोगों ने उसे घेर लिया। डंडे से सिर और गले पर चाकू से हमला कर दिया। इससे वह सड़क पर गिर गई। इसके बाद आरोपियों ने पेट्रोल और केरोसिन डालकर उसे आग के हवाले कर दिया। लपटों से घिरी युवती जान बचाने के लिए दौड़ी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उसे देखकर एक पल के लिए हर किसी की सांसें थम गईं लेकिन उस बहादुर बिटिया ने हार नहीं मानी।