भारत के पास उन्नत तकनीक न होने से अमेरिका खुफिया एजेंसी की इस करतूत का नहीं चला पता
खास बातें
- अब भारतीय वैज्ञानिकों ने सीआईए के डाटा को डीकोड कर जुटाई अहम जानकारियां
- दुनिया में गहरा रहे जलसंकट के मद्देनजर सीआईए ने ली थी कई नदियों की तस्वीरें
अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने गंगा के अलावा दुनिया की कई बड़ी नदियों की वर्ष 1958 से 1962 के बीच कई जानकारियां जुटाई थी।
चार वर्ष में कोरोना जासूसी सेटेलाइट की मदद से अमेरिका ने गंगा की 8000 से अधिक तस्वीरें उतारी थी। यह तस्वीरें संभावित जलसंकट को लेकर किए जाने वाले अध्ययन के मद्देनजर ली गई थी। लेकिन, भारत को अमेरिकी खुफि या एजेंसी की इस करतूत की भनक तक नहीं लगी।
भारतीय राष्ट्रीय कार्टोग्राफी संघ (आईएनसीए) की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांग्रेस में वैज्ञानिकों ने बताया कि भारतीय वैज्ञानिकों को इसकी जानकारी तब लगी जब सीआईए ने गंगा से जुड़ा डाटा आमजनों के लिए विभिन्न वेबसाइटों पर उपलब्ध कराया।
चार वर्ष में कोरोना जासूसी सेटेलाइट की मदद से अमेरिका ने गंगा की 8000 से अधिक तस्वीरें उतारी थी। यह तस्वीरें संभावित जलसंकट को लेकर किए जाने वाले अध्ययन के मद्देनजर ली गई थी। लेकिन, भारत को अमेरिकी खुफि या एजेंसी की इस करतूत की भनक तक नहीं लगी।
भारतीय राष्ट्रीय कार्टोग्राफी संघ (आईएनसीए) की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांग्रेस में वैज्ञानिकों ने बताया कि भारतीय वैज्ञानिकों को इसकी जानकारी तब लगी जब सीआईए ने गंगा से जुड़ा डाटा आमजनों के लिए विभिन्न वेबसाइटों पर उपलब्ध कराया।