CAA : 100 मिनट गरजे प्रधानमंत्री मोदी, कहा- नागरिकता कानून को लेकर इस बात से तकलीफ होती है...
खास बातें
- दिल्ली के रामलीला मैदान से प्रधानमंत्री मोदी ने दिया भाषण
- कहा, मुझे मत मानो पर महात्मा गांधी की तो मानो
- विरोध करने वालों के हाथ में जब ईंट-पत्थर देखता हूं तो मुझे तकलीफ होती है: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान से रविवार को साफ तौर पर एलान किया है कि नागरिकता संशोधन कानून किसी भी नागरिक की नागरिकता छीनने के लिए नहीं है, बल्कि यह कानून लोगों को नागरिकता देने के लिए है। इस कानून से किसी भी नए शरणार्थी को फायदा नहीं मिलेगा।
यह उन लोगों पर लागू होगा जो बरसों से भारत में ही रह रहे हैं। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना की वजह से आए लोगों को सुरक्षा देने के लिए ये कानून है। यह कानून दलित, पीड़ित, शोषितों के भविष्य के लिए पास हुआ है।
करीब 100 मिनट तक गरजते हुए पीएम ने कहा, पर्दे के पीछे नकाब में छिप कर लोगों में भ्रम फैला रही कांग्रेस को इस मामले में गांधीजी की तो बात माननी चाहिए। उन्होंने कहा कि खुद महात्मा गांधी ने सात दशक पहले कहा था कि पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों का भारत में स्वागत करना चाहिए।
अब जब हमने इसे साकार किया तो इनके पेट में चूहे दौड़ने लगे। इनके विचार रातोंरात बदल गए। मुझे मत मानो, गांधी की तो मानो। पीएम ने धन्यवाद रैली में अपनी संबोधन की शुरुआत 'विविधता में एकता, भारत की विशेषता' के नारे लगवाकर की।
जाति या धर्म देखकर पुलिस हमारी रक्षा नहीं करती
मोदी ने कहा, पुलिस वालों को अपनी ड्यूटी करते समय हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है। जिन पुलिसवालों पर ये लोग पत्थर बरसा रहे हैं, उन्हें जख्मी करके आपको क्या मिलेगा? आजादी के बाद 33 हजार से ज्यादा पुलिसवालों ने, शांति के लिए, आपकी सुरक्षा के लिए शहादत दी है। जब कोई संकट या मुश्किल आती है तो यह पुलिसकर्मी न धर्म पूछता है न जाति पूछता है, न ठंड देखता है न बारिश देखता है और आपकी मदद के लिए आकर खड़ा हो जाता है।
सीएए-एनआरसी में अड़ंगा नहीं डाल सकतीं राज्य सरकारें
पीएम ने इस दौरान सीएए और एनआरसी की विरोधी राज्य सरकारों की भी जम कर खबर ली। उन्होंने कहा कि कई मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि वे अपने राज्य में इसे लागू नहीं करेंगे। ऐसा बोलने से पहले इन्हें अपने एडवोकेट जनरल से पूछ लेना चाहिए था। उन्हें इसमें अड़ंगा लगाने का अधिकार ही नहीं है। इन लोगों को घुसपैठियों और शरणार्थियों में फर्क समझना होगा।
यह उन लोगों पर लागू होगा जो बरसों से भारत में ही रह रहे हैं। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना की वजह से आए लोगों को सुरक्षा देने के लिए ये कानून है। यह कानून दलित, पीड़ित, शोषितों के भविष्य के लिए पास हुआ है।
करीब 100 मिनट तक गरजते हुए पीएम ने कहा, पर्दे के पीछे नकाब में छिप कर लोगों में भ्रम फैला रही कांग्रेस को इस मामले में गांधीजी की तो बात माननी चाहिए। उन्होंने कहा कि खुद महात्मा गांधी ने सात दशक पहले कहा था कि पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों का भारत में स्वागत करना चाहिए।
अब जब हमने इसे साकार किया तो इनके पेट में चूहे दौड़ने लगे। इनके विचार रातोंरात बदल गए। मुझे मत मानो, गांधी की तो मानो। पीएम ने धन्यवाद रैली में अपनी संबोधन की शुरुआत 'विविधता में एकता, भारत की विशेषता' के नारे लगवाकर की।
जाति या धर्म देखकर पुलिस हमारी रक्षा नहीं करती
मोदी ने कहा, पुलिस वालों को अपनी ड्यूटी करते समय हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है। जिन पुलिसवालों पर ये लोग पत्थर बरसा रहे हैं, उन्हें जख्मी करके आपको क्या मिलेगा? आजादी के बाद 33 हजार से ज्यादा पुलिसवालों ने, शांति के लिए, आपकी सुरक्षा के लिए शहादत दी है। जब कोई संकट या मुश्किल आती है तो यह पुलिसकर्मी न धर्म पूछता है न जाति पूछता है, न ठंड देखता है न बारिश देखता है और आपकी मदद के लिए आकर खड़ा हो जाता है।
सीएए-एनआरसी में अड़ंगा नहीं डाल सकतीं राज्य सरकारें
पीएम ने इस दौरान सीएए और एनआरसी की विरोधी राज्य सरकारों की भी जम कर खबर ली। उन्होंने कहा कि कई मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि वे अपने राज्य में इसे लागू नहीं करेंगे। ऐसा बोलने से पहले इन्हें अपने एडवोकेट जनरल से पूछ लेना चाहिए था। उन्हें इसमें अड़ंगा लगाने का अधिकार ही नहीं है। इन लोगों को घुसपैठियों और शरणार्थियों में फर्क समझना होगा।