जवाब / नागरिकता संशोधन बिल को अमेरिका ने पक्षपातपूर्ण बताया, भारत ने कहा- उन्हें हमारे मामले में दखल देने का अधिकार नहीं
- अमेरिका के यूएससीआईआरएफ ने नागरिकता संशोधन बिल को पक्षपातपूर्ण बताया था
- विदेश मंत्रालय ने कहा- नागरिकता बिल और एनआरसी धर्म के आधार पर किसी से भारतीय नागरिकता नहीं छीनता
- 'अमेरिका सहित हर एक देश को जनगणना और अपने नागरिकों की पहचान करने का अधिकार'
नई दिल्ली. भारत ने नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) पर अमेरिका के बयान को खारिज किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि अमेरिक के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी केंद्र (यूएससीआईआरएफ) को हमारे मामलों में दखल देने की जरूरत नहीं है। नागरिकता बिल (सीएबी) और एनआरसी किसी भी व्यक्ति से धर्म के आधार पर भारतीय नागरिकता नहीं छीनता है। यूएससीआईआरएफ ने नागरिकता बिल को पक्षपातपूर्ण बताया था।
रवीश कुमार ने कहा- यूएससीआईआरएफ को इस मामले मे दखल देने का अधिकार नहीं है। उन्हें यहां की स्थानीय समस्याओं की जानकारी नहीं है। वह अपने पूर्वाग्रहों के आधार पर बयानबाजी कर रहे हैं। अमेरिका सहित हर एक देश को यह अधिकार है कि वह जनगणना कराए और अपने नागरिकों की पहचान करे। ऐसा करने के लिए योजनाएं या कानून बनाए जा सकते हैं।