झारखंड चुनाव परिणाम 2019: 27 दिसंबर को हेमंत ले सकते हैं सीएम पद की शपथ, आज विधायक दल की बैठक
खास बातें
- सीएम रघुबर दास समेत पांच मंत्री हारे
- महागठबंधन को 47, भाजपा को 25 सीटों पर जीत
- एक साल में पांचवां राज्य जहां भाजपा ने सत्ता गंवाई
- 19 में पांचवीं बार सोरेन परिवार को मिलने जा रही है सत्ता
झारखंड विधानसभा चुनाव पूर्व किए गए झामुमो, कांग्रेस और राजद के महागठबंधन ने चुनावी नतीजों में बड़ी जीत हासिल की है। 81 सदस्यीय विधानसभा में जहां महागठबंधन ने बहुमत से ज्यादा 47 सीटें जीतीं तो वहीं सत्तारूढ़ भाजपा को सिर्फ 25 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हेमंत सोरेन अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ 27 दिसंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में शपथ ग्रहण करेंगे। वहीं आज झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक दल की बैठक होने जा रही है। सूत्रों का कहना है कि हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में कांग्रेस और झामुमो से पांच-पांच और राजद से एक मंत्री रखे जाने की संभावना है।
लालू से मिलने आज अस्पताल जाएंगे हेमंत सोरेन
शपथग्रहण समारोह में गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और यूपीए के बड़े नेताओं को आमंत्रण देने की तैयारी चल रही है। रांची के मोरहाबादी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी शुरू कर दी गई है। यहां खुले मैदान में हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह को खास बनाने की मुकम्मल तैयारी की जा रही है। इसी सिलसिले में हेमंत सोरेन आज रांची के रिम्स में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मुलाकात करने जा सकते हैं। इससे पहले हेमंत ने जीत के लिए लालू प्रसाद और सोनिया, राहुल गांधी का आभार जताया था।
विधानसभा चुनावों से पहले, जब कांग्रेस, राजद और झामुमो सीट बंटवारे को लेकर अंतिम बातचीत कर रहे थे, तो लालू ने तेजस्वी यादव को गठबंधन फार्मूला को स्वीकार करने के लिए मनाया था। क्योंकि तेजस्वी यादव अपनी पसंद की अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते थे। तेजस्वी ने रांची में मौजूद होने के बावजूद महागठबंधन के एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में भाग नहीं लिया था। इसके बाद लालू ने तब तेजस्वी को हेमंत सोरेन और कांग्रेस नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए मना लिया। लालू ने तेजस्वी यादव को राजद को आवंटित सात सीटों के लिए सहमत होने के लिए राजी किया। वहीं, झामुमो और कांग्रेस ने 43 और 31 सीटों पर चुनाव लड़ा।
रघुवर दास भी नहीं बचा पाए अपनी सीट
इस बीच महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हेमंत सोरेन पिता शिबू सोरेन से मिलने पहुंचे और उनका आशीर्वाद लिया। 15 नवंबर, 2000 को बिहार से अलग होकर नया राज्य बनने के बाद झारखंड में 19 साल में पांचवीं बार सोरेन परिवार को सत्ता मिलने जा रही है। हेमंत के पिता तीन बार राज्य के सीएम रहे तो वहीं, हेमंत दूसरी बार सीएम पद संभालेंगे।
पिता के समर्पण और परिश्रम का नतीजा: हेमंत सोरेन
महागठबंधन के सीएम पद के उम्मीदवार हेमंत सोरेन ने कहा कि यह परिणाम पिता शिबू सोरेन के समर्पण और परिश्रम का नतीजा हैं। आज जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के संकल्प का दिन है। अब राज्य के लिए एक नया अध्याय शुरू होगा। ये मील का पत्थर साबित होगा। उम्मीदें नहीं टूटेंगी। नौजवान, किसान, महिला, व्यापारी, बूढ़े-बच्चे, मजदूरों सभी की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे।
लालू से मिलने आज अस्पताल जाएंगे हेमंत सोरेन
शपथग्रहण समारोह में गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और यूपीए के बड़े नेताओं को आमंत्रण देने की तैयारी चल रही है। रांची के मोरहाबादी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी शुरू कर दी गई है। यहां खुले मैदान में हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह को खास बनाने की मुकम्मल तैयारी की जा रही है। इसी सिलसिले में हेमंत सोरेन आज रांची के रिम्स में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मुलाकात करने जा सकते हैं। इससे पहले हेमंत ने जीत के लिए लालू प्रसाद और सोनिया, राहुल गांधी का आभार जताया था।
विधानसभा चुनावों से पहले, जब कांग्रेस, राजद और झामुमो सीट बंटवारे को लेकर अंतिम बातचीत कर रहे थे, तो लालू ने तेजस्वी यादव को गठबंधन फार्मूला को स्वीकार करने के लिए मनाया था। क्योंकि तेजस्वी यादव अपनी पसंद की अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते थे। तेजस्वी ने रांची में मौजूद होने के बावजूद महागठबंधन के एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में भाग नहीं लिया था। इसके बाद लालू ने तब तेजस्वी को हेमंत सोरेन और कांग्रेस नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए मना लिया। लालू ने तेजस्वी यादव को राजद को आवंटित सात सीटों के लिए सहमत होने के लिए राजी किया। वहीं, झामुमो और कांग्रेस ने 43 और 31 सीटों पर चुनाव लड़ा।
रघुवर दास भी नहीं बचा पाए अपनी सीट
इस बीच महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हेमंत सोरेन पिता शिबू सोरेन से मिलने पहुंचे और उनका आशीर्वाद लिया। 15 नवंबर, 2000 को बिहार से अलग होकर नया राज्य बनने के बाद झारखंड में 19 साल में पांचवीं बार सोरेन परिवार को सत्ता मिलने जा रही है। हेमंत के पिता तीन बार राज्य के सीएम रहे तो वहीं, हेमंत दूसरी बार सीएम पद संभालेंगे।
पिता के समर्पण और परिश्रम का नतीजा: हेमंत सोरेन
महागठबंधन के सीएम पद के उम्मीदवार हेमंत सोरेन ने कहा कि यह परिणाम पिता शिबू सोरेन के समर्पण और परिश्रम का नतीजा हैं। आज जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के संकल्प का दिन है। अब राज्य के लिए एक नया अध्याय शुरू होगा। ये मील का पत्थर साबित होगा। उम्मीदें नहीं टूटेंगी। नौजवान, किसान, महिला, व्यापारी, बूढ़े-बच्चे, मजदूरों सभी की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे।