न लिख, न बोल सकती है पर पुलिस मांग रही बयान, डेढ़ माह पहले मरी समझकर नहर में फेंक गया था पति
मेरठ में डेढ़ माह पहले एक युवक ने अपनी पत्नी को मरी हुई समझकर गंग नहर में फेंक दिया था। लेकिन व किसी तरह बच गई। इस मामले ने नया मोड़ ले लिया है। दरअसल, महिला अब न तो बोल सकती है और न ही लिख सकती है। लेकिन पुलिस है कि महिला से बयान मांगने पर अड़ी हुई है। सोमवार को पीड़िता के परिजन एसएसपी ऑफिस पहुंचे और अधिकारियों से शिकायत की है।
गाजियाबाद निवासी रुकैया परवीन का निकाह लिसाड़ी गेट के श्यामनगर निवासी उमर से हुआ था। 14 अक्तूबर को उमर अपनी ससुराल पहुंचा और रुकैया को कलियर शरीफ घुमाने की बात कहकर अपने साथ ले गया।
रात 11 बजे रुकैया जानी थाना क्षेत्र में सड़क किनारे लहूलुहान हालात में मिली। उसके हाथ, पैर और गर्दन पर गहरे जख्म थे। पहले सुभारती और फिर एम्स दिल्ली में उपचार चला। इस मामले में 15 अक्तूबर को पति उमर व एक अन्य युवक के खिलाफ जानी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था।
पीड़ित परिजनों का कहना है कि रुकैया अब बोलने की स्थिति में नहीं है। एम्स दिल्ली के डॉक्टरों ने कहा है कि फिलहाल वह बोल नहीं सकती। उसके दोनों हाथ पूरी तरह खराब हो चुके हैं। फिलहाल वह लिख भी नहीं सकती।
केस में कार्रवाई के लिए पीड़िता के बयान जरूरी होते हैं इसलिए पुलिस पीड़िता के परिवार से बार-बार बयान कराने को कह रही थी। पीड़िता के परिजनों ने पुलिस को बताया कि फिलहाल वह बोलने और लिखने में सक्षम नहीं है।
पीड़ित परिजनों का कहना है कि रुकैया अब बोलने की स्थिति में नहीं है। एम्स दिल्ली के डॉक्टरों ने कहा है कि फिलहाल वह बोल नहीं सकती। उसके दोनों हाथ पूरी तरह खराब हो चुके हैं। फिलहाल वह लिख भी नहीं सकती।
केस में कार्रवाई के लिए पीड़िता के बयान जरूरी होते हैं इसलिए पुलिस पीड़िता के परिवार से बार-बार बयान कराने को कह रही थी। पीड़िता के परिजनों ने पुलिस को बताया कि फिलहाल वह बोलने और लिखने में सक्षम नहीं है।
पीड़िता ने जैसे-तैसे 4 दिन की मेहनत करके अपने स्क्रीन टच मोबाइल पर पूरा घटनाक्रम अंग्रेजी भाषा में लिखा। परिजनों का कहना है कि वह इस बयान की कॉपी निकलवा कर जानी थाने के विवेचक उमेश कुमार सिंह के पास पहुंचे लेकिन उन्होंने इस बयान को स्वीकार करने से मना कर दिया।
परिजनों का कहना है कि बयान दर्ज नहीं हो पाने की स्थिति में केस लगातार कमजोर हो रहा है और कभी भी आरोपियों की जमानत हो सकती है।
सोमवार को परिजन रुकैया को लेकर एसएसपी दफ्तर पर पहुंचे। उन्होंने एसएसपी को पूरी घटना सुनाई। एसएसपी अजय साहनी ने तत्काल विवेचक को अपने कार्यालय में तलब कर लिया और बयान दर्ज करने का निर्देश दिया है।
परिजनों का कहना है कि बयान दर्ज नहीं हो पाने की स्थिति में केस लगातार कमजोर हो रहा है और कभी भी आरोपियों की जमानत हो सकती है।
सोमवार को परिजन रुकैया को लेकर एसएसपी दफ्तर पर पहुंचे। उन्होंने एसएसपी को पूरी घटना सुनाई। एसएसपी अजय साहनी ने तत्काल विवेचक को अपने कार्यालय में तलब कर लिया और बयान दर्ज करने का निर्देश दिया है।