नशा न नींद, रफ्तार के आगे राजधानी देहरादून में हार रही जिंदगियां
खास बातें
- जनपद सड़क सुरक्षा समिति ने दो माह के हादसों की तैयार की रिपोर्ट
- 57 में से 45 हादसों का कारण रफ्तार और लापरवाही आया सामने
देहरादून जनपद में हो रही सड़क दुर्घटनाओं का कारण न नींद है न नशा। सड़क के तीव्र मोड़ भी मात्र एकाध दुघर्टना को जन्म देते हैं। जिले में ज्यादातर जिंदगियां तेज रफ्तार के आगे दम तोड़ रही हैं। सड़क सुरक्षा समिति की अल्प समय के हादसों पर तैयार रिपोर्ट में यह कारण सामने आया है। दो माह में हुए हादसों में 80 फीसदी तेज रफ्तार और लापरवाही के कारण हुए हैं।
जनपदीय सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष अपर जिलाधिकारी प्रशासन रामजी शरण शर्मा ने बताया कि उन्होंने बीते दो माह के हादसों की एक रिपोर्ट तैयार की है। इस दरम्यान 57 हादसे हुए। जिनमें से 45 हादसों का कारण रफ्तार और ड्राइविंग में लापरवाही बरतना रहा है। जबकि, नशे के कारण सिर्फ एक सड़क दुर्घटना हुई है।
इसके अलावा तीव्र मोड़ सिर्फ एक दुर्घटना का कारण बना है। उन्होंने बताया कि सड़कों पर जहां भी ब्लैक स्पॉट हैं उनकी एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जल्द समिति यहां पर बड़ा फैसला लेने वाली है। रफ्तार पर अंकुश लगाने को भी परिवहन विभाग व अन्य विभागों के अधिकारियों को रिपोर्ट बनाने को कहा गया है।
जनपदीय सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष अपर जिलाधिकारी प्रशासन रामजी शरण शर्मा ने बताया कि उन्होंने बीते दो माह के हादसों की एक रिपोर्ट तैयार की है। इस दरम्यान 57 हादसे हुए। जिनमें से 45 हादसों का कारण रफ्तार और ड्राइविंग में लापरवाही बरतना रहा है। जबकि, नशे के कारण सिर्फ एक सड़क दुर्घटना हुई है।
इसके अलावा तीव्र मोड़ सिर्फ एक दुर्घटना का कारण बना है। उन्होंने बताया कि सड़कों पर जहां भी ब्लैक स्पॉट हैं उनकी एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जल्द समिति यहां पर बड़ा फैसला लेने वाली है। रफ्तार पर अंकुश लगाने को भी परिवहन विभाग व अन्य विभागों के अधिकारियों को रिपोर्ट बनाने को कहा गया है।