प्रदेशभर में हुए बवाल को लेकर चौंकाने वाला खुलासा, पीएफआई ने भड़काई हिंसा, तीन गिरफ्तार
नागरिकता कानून के खिलाफ लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य जिलों में हिंसा भड़काने में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का हाथ सामने आया है। मामले में लखनऊ पुलिस ने नदीम, वसीम और अशफाक नामक तीन युवकों की गिरफ्तारी की है। पुलिस के अनुसार, प्रदेश के अन्य जिलों में हुई गिरफ्तारियों में भी इसी संगठन के उपद्रवी पकड़े गए हैं।
बता दें कि पीएफआई, सिमी का एक लघु रूप है। इसमें कई ऐसे लोग हैं, जो पूर्व में सिमी से जुड़े रहे हैं। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने भी रविवार को लोकभवन में हुई प्रेसवार्ता में हिंसा के पीछे इसी संगठन के होने की बात कही थी।
अब तक 164 केस 880 लोग गिरफ्तार
प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा को लेकर अब तक 164 मामले दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में नामजद 880 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही बड़े पैमाने पर सीसीटीवी फुटेज, ड्रोन कैमरे और मोबाइल से ली गई तस्वीरों को सोशल मीडिया के जरिये जारी कर शिनाख्त की कोशिश की जा रही है।
आईजी कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार ने बताया कि रविवार को प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि अब तक 5312 लोगों को हिरासत में लेकर निरोधात्मक कार्रवाई की गई है। उग्र प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं में 288 पुलिस कर्मी घायल हुए हैं, इसमें 61 को गोली लगी है। आईजी ने बताया कि घटनास्थलों से 647 .315 बोर और 12 बोर के खोखे बरामद किए गए हैं। जबकि 69 कारतूस व 35 अवैध तमंचे भी बरामद हुए हैं।
वहीं, सोशल मीडिया पर भी निगरानी लगातार जारी है। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सोशल मीडिया पर किए गए आपत्तिजनक, भ्रामक पोस्ट और मैसेज पर भी कार्रवाई की गई है। ऐसे 76 मामलों में मुकदमे दर्ज किए गए हैं और 108 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। अब तक 6612 ट्विटर पोस्ट और 8577 फेसबुक व 155 यूट्यूब एवं अन्य प्रोफाइल पोस्टों पर कार्रवाई के लिए सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क किया गया है।