36 घंटे बाद भी जेएनयू हिंसा में नहीं हुई कोई गिरफ्तारी, हमलावरों के मिले अहम सुराग
दिल्ली पुलिस ने जेएनयू हिंसा मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुये अज्ञात लोगों के खिलाफ दंगा भड़काने व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धाराओं में तीन मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में सोमवार शाम तक पुलिस को कोई शिकायत नहीं मिली थी। मामले की जांच स्थानीय पुलिस से लेकर अपराध शाखा को सौंप दी गई है। हालांकि हमले को 48 घंटे होने को आए हैं लेकिन एक भी आरोपी अब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
यह अपने आप में ही बड़े सवाल खड़े करता है कि आखिर इतने वीडियो और तस्वीरें होने के बावजूद एक भी शख्स की गिरफ्तारी नहीं हुई है। आखिर क्या वजह है कि कई अहम सुराग होने के बाद भी पुलिस ने अब तक एक भी गिरफ्तारी नहीं की है। इस मामले में सरकारी सूत्रों के हवाले से बड़ा अपडेट सामने आ रहा है कि जेएनयू हमले में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए पुलिस वीडियो फुटेज, चेहरे पहचानने की प्रणाली का इस्तेमाल कर रही है।
वहीं दूसरी ओर जेएनयू प्रशासन ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पूरे मामले की प्राथमिक रिपोर्ट सौंप दी है। अपराध शाखा की कई टीमों ने सोमवार सुबह जेएनयू पहुंचकर जांच शुरू कर दी। पुलिस ने मौके से कुछ सैंपल भी उठाए। दिल्ली पुलिस ने इस बात से इंकार किया है कि जेएनयू हिंसा में बाहरी व्यक्ति शामिल थे। सोमवार को भी माहौल तनावपूर्ण था और कैंपस के अंदर व बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था।
जिला पुलिस उपायुक्त देवेंद्र आर्या ने बताया कि एफआईआर में किसी को नामजद नहीं किया गया है। वसंत कुंज (नार्थ) थानाध्यक्ष रितुराज की शिकायत पर स्वत: संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि सोमवार देर शाम तक पुलिस को जेएनयू यूनिवर्सिटी समेत किसी पक्ष से कोई शिकायत नहीं मिली थी।