रोजवैली घोटाला: ईडी ने शाहरुख की कंपनी समेत तीन कंपनियों की 70 करोड़ की संपत्ति जब्त
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रोजवैली पोंजी घोटाले में अभिनेता शाहरुख खान से जुड़ी कंपनी समेत तीन कंपनियों की 70 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मल्टीपल रिसॉर्ट प्राइवेट लिमिटेड, सेंट जेवियर कॉलेज, कोलकाता और कोलकाता नाइट राइडर्स स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड पर यह कार्रवाई की है। शाहरुख आईपीएल टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के सह मालिक हैं और निदेशक हैं।
जांच एजेंसी ने सोमवार को कहा, ‘रोजवैली समूह से धनराशि प्राप्त करने वाली विभिन्न इकाइयों और व्यक्तियों की 70.11 करोड़ रुपये की चल व अचल संपत्ति को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तौर पर अस्थायी तौर पर कुर्क किया गया है।
इनमें तीनों कंपनियों के बैंक खातों में 16.20 करोड़ रुपये, पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले के रामनगर और महिशदल में 24 एकड़ जमीन, मुंबई के दिलकप चैंबर में एक फ्लैट, कोलकाता के ज्योति बसु नगर में एक एकड़ जमीन और रोजवैली समूह का एक होटल शामिल है।
ईडी ने 2014 में रोजवैली समूह, इसके चेयरमैन गौतम कुंडू व अन्य के खिलाफ पीएमएलए के तहत एफआईआर दर्ज की थी। एजेंसी ने कुंडू को 2015 में कोलकाता से गिरफ्तार किया था। इस मामले में ईडी ने कोलकाता और भुवनेश्वर की अदालतों में कई आरोपपत्र दायर किए हैं।
इससे पहले रोजवैली, शारदा और नारद टेप घोटाले की जांच में शामिल अधिकारियों का तबादला कर दिया गया था। सीबीआई प्रवक्ता ने बताया था कि नारद टेप मामले की जांच कर रहे डीएसपी रंजीत कुमार, शारदा पोंजी घोटाले की जांच में शामिल डीएसपी तथागत बर्धन और रोजवैली चिट फंड घोटाले की जांच में शामिल डीएसपी चोजोम शेरपा का तबादला किया गया है।
इसके अलावा इंस्पेक्टर ब्रैटिन घोषाल का भी तबादला किया गया। घोषाल रोजवैली चिट फंड मामले के पूर्व जांच अधिकारी थे। रंजीत और तथागत को नई दिल्ली, शेरपा को भुवनेश्वर भेजा गया है। उन्होंने बताया था कि यह नियमित तबादला प्रक्रिया है और यह तबादला नीति का हिस्सा है।
तबादला किए गए एक अधिकारी ने बताया था कि यह व्यापक पैमाने पर किया गया है। उन्हें नहीं पता यह नियमित प्रक्रिया है या नहीं। इस महीने की शुरुआत में जांच एजेंसी ने डीआईजी अभय कुमार सिंह को कोलकाता की विशेष अपराध शाखा से नई दिल्ली स्थित आर्थिक अपराध विंग में तबादला कर दिया था।
क्या है रोजवैली घोटाला
गौरतलब है कि रोजवैली ग्रुप ने हॉलिडे मेंबरशिप स्कीम के नाम पर लोगों को ज्यादा रिटर्न देने का झांसा देकर करीब एक लाख निवेशकों को 15 हजार करोड़ रुपये का चूना लगा दिया। रोजवैली ग्रुप के प्रबंध निदेशक शिवमय दत्ता इस घोटाले के मास्टरमाइंड बताए जाते हैं।
प्रवर्तन निदेशालय का मानना है कि रोजवैली घोटाला, शारदा पोंजी घोटाले से ज्यादा बड़ा घोटाला है। रोजवैली चिटफंड घोटाले में रोजवैली ग्रुप ने लोगों से दो अलग-अलग स्कीम का लालच दिया और आम लोगों का पैसा हड़प लिया।