दबंगो ने पति और गर्भवती पत्नी को लाठी डंडे से दौड़ाकर पीटा,पुलिस जबरजस्ती समझौता कराने पर डाल रही दबाव
संवाददाता सचिन यादव फर्रुखाबाद
सूबे में भारतीय जनता पार्टी की सरकार में भले ही महिला सशक्तीकरण का राग अलापा जा रहा हो
फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश:16/5/2020 -पिता के साथ अपनी ननिहाल धनसुआ में रहने वाली पूनम बाबुल की मौत के बाद अपनी विधवा मां और कामगार पति के साथ यहां जीवन व्यतीत कर रही है। बीती 14 मई की शाम हमेशा की तरह उसके पति को गांव के शराबखोर दबंग ब्रजेन्द्र पुत्र राकेश चैकीदार, संजू कठेरिया पुत्र रामकुमार और उनके साथियों ने घेर लिया, मार-पीट करने लगे। चीखपुकार सुनकर पूनम पति को बचाने दौड़ी तो इन नामुरादों ने उसके संग भी मार-पीट की और उसकी कोख में लातें मारीं। पूनम डेढ़ माह की गर्भवती है। जब मामले की सूचना कोतवाली पुलिस को दी गई तो चाैकी इंचार्ज सेंट्रल जेल जितेन्द्र चैधरी ने मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया। पूनम ने हेल्पलाइन 1076 पर भी शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई न कर दरोगा चौधरी उलटे पूनम और उसके पति पर समझौते का दबाव बनाने लगे। पीड़िता और उसके पति ने आज आप बीती बताई और न्याय दिलाने के लिए अपनी आवाज को पुलिस कप्तान तक पहुंचाने की गुहार लगाई है। पीड़िता ने कहा कि अब उसे एक मात्र न्याय का सहारा पुलिस अधीक्षक से ही है। हालात अगर यही रहे तो उसे गांव छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
सूबे में भारतीय जनता पार्टी की सरकार में भले ही महिला सशक्तीकरण का राग अलापा जा रहा हो लेकिन दबे-कुचले संवर्ग की बेटियां आज भी उत्पीड़न और तानाशाही की शिकार हैं। जिसका जीवन्त उदाहरण कोतवाली फतेहगढ़ के गांव धनसुआ में देखा जा सकता है। आये दिन तानेबाजी और मार-पीट की शिकायतें करने के बावजूद दबंगो की न्योछावर से दबे दरोगा जी कार्रवाई तो दूर उलटे पीड़िता को ही डरा-धमका कर समझौते के लिए तैयार करने में जुटे हैं। आपबीती बताते-बताते पीड़िता सिहर उठती है।