ईयर एंडर 2019: काश! उत्तराखंड के इन सपनों को भी मिलता आकाश
2019 में जहां उत्तराखंडवासियों की कई उम्मीदें पूरी हुईं तो बहुत सी हसरतें ऐसी थीं जो अपने अंजाम तक नहीं पहुंच सकीं। इन सबके बीच विकास की अधूरी दास्तां बहुत से सवाल पीछे छोड़ गई।
इन सवालों के जवाब आने वाले समय में मिलते हैं या नहीं, यह तो तब ही पता चलेगा, लेकिन लोगों को इनके मुकम्मल होने का इंतजार रहेगा। आइए! जानते हैं कि कुछ ऐसी उम्मीदों के बारे में जो वास्तविकता के धरातल पर अभी तक नहीं उतर सकीं और लोगों के सपने अधूरे रह गए।
पूरा नहीं हो पाया भू-रिकॉर्ड ऑनलाइन का सपना
देहरादून जिले का भू-रिकॉर्ड इस साल भी ऑनलाइन नहीं हो पाया। जबकि, जुलाई तक इनके पूरे होने की संभावना थी। बताया जा रहा है मुंबई की जिस कंपनी को यह कांट्रेक्ट मिला था उसके साथ भुगतान की दरों को लेकर बात अटकी पड़ी है। अब जनवरी या फरवरी में इस पर दोबारा से काम किया जाएगा।
32 नए वार्डों में शुरू होता कूड़ा उठान तो मिलती राहत
देहरादून नगर निगम में शामिल 32 नए वार्डों में कूड़ा उठान शुरू हो जाता तो लोगों को राहत मिलती। अधिकारियों का कहना है अगले दो-तीन माह के भीतर नए वार्डों से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था शुरू हो जाएगी।