जन अधिकार कार्यक्रम से संबंधित आवेदन पत्रों में तत्काल कार्यवाही करें - कलेक्टर
संवाददाता विवेक पाण्डेय, संवाददाता करुना शर्मा
मध्य प्रदेश सिंगरौली / वैढ़न प्रत्येक माह आयोजित जन अधिकार कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी द्वारा निर्धारित विषयों से संबंधित आवेदन पत्रों की समीक्षा की जाती है। आगामी जन अधिकार कार्यक्रम के लिए 5 विभागों के निर्धारित बिन्दुओं में सीएम हेल्पलाइन में लंबित प्रकरणों की समीक्षा की जायेगी। इनमें लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के हैण्डपंप में सुधार तथा नल जल योजनाओं को चालू रखने एवं गृह विभाग के प्रथम सूचना रिपोर्ट एफआईआर में सही धारा लिखने की समीक्षा की जायेगी। जन अधिकार कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा नल जल योजनाओं से जल प्रदाय, राजस्व विभाग द्वारा भूमि के सीमांकन तथा उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर से संबंधित सीएम हेल्पलाइन के लंबित प्रकरणों की समीक्षा की जायेगी। कलेक्टर केवीएस चौधरी ने सभी कार्यालय प्रमुखों को उनके विभाग से संबंधित विषयों के सीएम हेल्पलाइन के लंबित आवेदन पत्रों का 7 दिवस में निराकरण करके प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं।
कलेक्टर ने कहा है कि कार्यपालन यंत्री पीएचई अभियान चलाकर बिगड़े हैण्डपंपों तथा नल जल योजनाओं का सुधार करायें। इस संबंध में पूर्व में निर्देश दिये जा चुके हैं, सभी विकासखण्ड मुख्यालयों में तथा जिला मुख्यालय में हैण्डपंप सुधार के लिए कन्ट्रोल रूम बनाकर उसमें आवश्यक अधिकारियों एवं कर्मचारियों तैनाती करें। हैण्पंपों के सुधार से संबंधित सीएम हेल्पलाइन के सभी प्रकरणों का 7 दिवसों में निराकरण करके प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। सभी थाना प्रभारी एफआईआर से संबंधित आवेदन पत्रों का निराकरण सुनिश्चित करें। एफआईआर बिना विलंब किया दर्ज करें। एफआईआर में प्रकरण के अनुसार आवश्यक धाराओं का उल्लेख आवश्यक करें। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ग्रामीण क्षेत्र में नल जल योजनाओं से जल प्रदाय की नियमित समीक्षा करें। इससे संबंधित आवेदन पत्रों पर तत्परता से कार्यवाही करें। सभी एसडीएम तथा तहसीलदार जमीन के सीमांकन से संबंधित राजस्व प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण करें। इसमें सीएम हेल्पलाइन में दर्ज प्रकरणों का निराकरण करके प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। अपर संचालक शिक्षा भी विभाग से संबंधित सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का निराकरण करें। इसके साथ-साथ अन्य सभी अधिकारी भी सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का निराकरण करके प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। इसमें लापरवाही सहन नहीं की जायेगी।