सिंगरौली की यातायात व्यवस्था बद से बदतर, यातायात पुलिस खामोश, लोग हो रहे दुर्घटनाओं के शिकार यातायात पुलिस की बड़ी लापरवाही
आर.वी न्यूज जिला ब्यूरो चीफ विवेक पाण्डेय और करुना शर्मा की रिपोर्ट
मध्य प्रदेश सिंगरौली :- वैढन आपको बता दें कि बीते महीने में एक बडे पैमाने पर यातायात जागरूकता अभियान चलाया गया, जिसमें शासन-प्रशासन ने करोड़ों रुपए खर्च किए। लेकिन इस जागरूकता अभियान का असर सडकों पर देखने को नही मिल रहा है।
दिन प्रतिदिन सिंगरौली की यातायात व्यवस्था बद से बदतर होती चली जा रही है।आपको बता दें कि पिछले दिनों कचनी से लेकर माजन मोड़ तक भारी जाम लगा हुआ था, और आज यातायात मुख्यालय से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर कचनी में एक ऑटो वाले ने स्कूटी सवार को टक्कर मार दी स्कूटी पर कुल 3 लोग सवार थे जिसमें से एक लड़कीऔर दो लड़के थे लड़की और एक लड़के को गंभीर चोटें आई हैं।
मिली जानकारी के अनुसार लडकी का नाम स्वाति शाह पिता बद्रीनाथ शाह निवासी घोड़ी ताल तथा लडके का नाम अजीत बैंस निवासी तियारा बताया जा रहा है।
जब स्कूटी सवार दुर्घटना के शिकार हुए तो उनके मदद के लिए स्थानीय लोग आगे आये दुर्घटना होने के बाद पुलिस प्रशासन को एक किलोमीटर का सफर तय करने मे लगभग आधे घण्टे का समय लग गया,अब आप पुलिस की तत्परता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं।
स्थानीय लोगों की मदद से एम्बुलेंस से घायलों को जिला अस्पताल भिजवाया गया जहां पर लडकी का इलाज किया जा रहा है,और लड़को को नेहरू चिकित्सालय के लिए भेजा गया यातायात पुलिस की बड़ी लापरवाही
जब ऑटो वाले जानवरों जैसे लोगों को ऑटो में भरकर ले जाते हैं तब यातायात पुलिस उन पर अंकुश क्यों नहीं लगाता?
ऊपर से इन की स्पीड इतनी तेज होती है अगर अचानक कोई सामने आ जाए तो ऑटो को कंट्रोल करना इनके लिए बहुत मुश्किल होता है। सड़क पर ऑटो तो ऐसे दौड़ते हैं जैसे ऑटो वालों ने की रोड को खरीद लिया हो, ऊपर से पुलिस प्रशासन ऐसे ऑटो वालों पर अंकुश लगाने की वजह इनसे अपनी जेब भरने में लगा रहता है।अगर ऑटो चालक अपना हैंडल छोड़ दे तो आम आदमी या पुलिस के लिए यह भी पता लगाना मुश्किल होता है कि सामने बैठे चार लोगों में से ड्राइवर कौन है, क्योंकि इनके पास वर्दी तो होती नहीं है। इस तरह से भूसे जैसे आदमी को भर कर के यातायात पुलिस मुख्यालय के सामने पुलिस को ठेंगा दिखाते हुए ऑटो वाले निकलते हैं और पुलिस प्रशासन खामोशी से देखता रहता है।