वेस्ट की जेलों में चल रहे खुलेआम मोबाइल- शासन प्रशासन मौन
संवाददाता अंकित मलिक नोएडा
वेस्ट यूपी के बागपत जिला कारागार के अंदर शातिर बदमाश द्वारा फोटो खींचकर फेसबुक पर अपलोड किया गया सौजन्य से सोशल मीडिया
नोएडा उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ एक तरफ प्रदेश के अंदर अपराधियों के लिए ऐसी मुसीबत बनकर खड़े हुए हैं कि जहां अपराधी या तो जेल के अंदर है या राज्य से बाहर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार आते ही प्रदेश के गुंडे जेल के अंदर मौज मस्ती आराम की जिंदगी मजे के साथ जी रहे हैं एक ऐसा कारनामा सोशल मीडिया पर सामने आया है जिसमें बागपत जनपद के बिनौली थाना क्षेत्र के गांव सिरसली निवासी आयुष तोमर पुत्र सतेंद्र उर्फ बूढी जो गांव के ही भूपेंद्र प्रधान की हत्या के मामले में अपने पिता सतेंदर उर्फ बूढ़ी पुत्र निर्भय सिंह व अपने भाई अर्जुन उर्फ राजा पुत्र सतेंद्र उर्फ बूढ़ी रेखा पत्नी सतेंद्र उर्फ बूढ़ी भूपेंद्र के हत्याकांड में जेल में गए थे जिसमें तीन अभियुक्त अर्जुन उर्फ राजा आयुष उर्फ छोटू रेखा जमानत पर बाहर आए हुए हैं सत्येंद्र उर्फ बूढ़ी फिलहाल जेल में ही है
आयुष तोमर गैंगस्टर द्वारा बागपत जिला कारागार में खड़ा होकर खींचा गया फोटो सौजन्य से सोशल मीडिया
जिसकी जमानत हाईकोर्ट ने रद्द करते हुए यह आदेश दिया था कि उक्त मुकदमे में गवाही शुरू की जाए साक्ष्य के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाए उधर सबसे बड़ा मामला जेल के अंदर मोबाइल चलने का प्रकाश में आया है जिसमें साफ तौर पर जेल अधिकारियों की पोल खुल रही है की गैंगस्टर आयुष तोमर द्वारा अपनी फेसबुक पर जो फोटो अपलोड किए गए हैं फोटो के साथ साथ बदमाशी के भी स्टेटस फेसबुक पर अपलोड है इससे साफ तौर पर शासन प्रशासन की पोल खुलती है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश की बागपत मेरठ मुजफ्फरनगर संवेदनशील जेलो में कई हजार कुख्यात शातिर बदमाश बंद है बदमाशों के लिए जेल में सभी प्रकार का नशा मोबाइल फोन इत्यादि खुलेआम चल रहा है इससे योगी आदित्यनाथ सरकार कठघरे में है कि आखिरकार उत्तर प्रदेश के बागपत जनपद की जेल के अंदर मोबाइल कहां से कैसे कौन ला रहा है अपराधियों के हौसले दिन प्रतिदिन बेहद बुलंद है अपराधियों के लिए जेल एक किस्म का घर माना जाता है जेलों में चल रहे मोबाइल फोन से बदमाश जेल के अंदर रहते हुए बाहर की दुनिया में वारदातों को अपने शार्प शूटर द्वारा अंजाम देने में सफल है यदि बागपत मेरठ मुजफ्फरनगर की जेलों में शासन प्रशासन द्वारा छापा मारा जाए तो शायद जेल के अंदर मोबाइल नशाखोरी का धंधा बंद हो सकेगा उधर जेल अधीक्षक से फोन पर वार्ता करने का प्रयास किया जिनका नंबर स्विच ऑफ मिला