सिंगरौली 11 साल बाद भी शहर से शिफ्ट नही हो सका फैक्ट्री जब बलियरी बारूद फैक्ट्री के हादसे से दहल गई थी उर्जाधानी
जिला ब्यूरो चीफ विवेक पाण्डेय संवाददाता करुना शर्मा
मध्य प्रदेश जिला सिंगरौली रिर्टन विश्वकाशी (RV NEWS LIVE) व्यूरो न्यूज- 5 जुलाई 2009 दिन रविवार ही था.. यही कोई शाम के करीब 5.30 बज रहे थे हमलोग अपने हनुमान मंदिर स्थित घर के बाहर क्रिकेट खेल रहे थे अचानक बलियरी स्थित बारूद फैक्ट्री में तेज ब्लॉस्टिंग होती है ब्लॉस्टिंग की जबरदस्त गूंज करीब 10- 15 सेकंड तक सुनाई दी हर कोई डरा सहमा स्तब्ध था कि आखिर हुआ क्या है..1 मिनट बीत जाने के बाद आसमां में धुंआ ही धुंआ....थोड़ी देर बाद न्यूजपेपर के दफ्तर में तस्वीरें आगयी थी वो तस्वीर आज भी हमारे दिमाग मे है जो मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता । मुझे फील्ड पर जाकर वास्तविक तस्वीरे भी देखनी थी तो मैं एक अखबार के संपादक के साथ चला गया ..मौके पर स्थिति देखकर मैं बहुत विचलित हो गया था क्योंकि तबतक मैंने इंसानो के शवों को इस तरह से बिखरा हुआ कभी नहीं देखा था - मजदूरों के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था ब्लॉस्टिंग इतनी जबरदस्त थी कि इसकी गूंज करीब 20 किमी तक सुनाई दी थी जरा सोचिये जो लोग काम कर रहे थे उनकी मौत कैसे हुई होगी? 22 लोगों की मौत के अलावा कई लोग घायल भी हो गये । मुआवजा देने की जो परंपरा है वो देकर मामले को रफा दफा कर दिया गया ,हादसे के बाद इस बारूद फैक्ट्री को शिफ्ट करने की बात हो रही थी लेकिन निकम्मे जनप्रतिनिधियों और विपक्ष ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया और 11 साल बाद भी एक दर्द,वो जख्म जो हर साल 5 जुलाई को ताजा होता है और 2-4 दिन बाद भुला दिया जाता है। इसी तरह न जाने कितने हादसे इसके बाद हुए सबकी स्थिति एक जैसी ही रही। हादसे इतने हुए लेकिन न तो जनप्रतिनिधियों पर असर पड़ा न जिला प्रसाशन न तो कंपनियों को कोई फर्क पड़ा... अगर फर्क पड़ा तो सिंगरौली की भोली भाली और जुल्म सहने वाली जनता पर । हर व्यक्ति को अपनी आवाज खुद उठाना पड़ेगा.. आप कंपनियों को जुल्म करने का अवसर मत दीजिए और अगर सरकार तरह तरह से जुल्म करा रही है तो आज ही सबलोग एकजुट हो जाये और इस सरकार को उखाड़कर फेक दीजिए जिसने मौतों पर चुप्पी साधी हो।
विनम्र श्रद्धांजलि 22 मजदूरों को जिनकी इस हादसे में जान गई