कंपनी प्रबंधन व प्रशासन की तानाशाही,महिलाओं ने संभाला मोर्चा,मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल के साथ एसडीएम व तहसीलदार
जिला सिंगरौली से ब्यूरो चीफ विवेक पांडेय की खास रिपोर्ट
जिला सिंगरौली मध्य प्रदेश एपीएमडीसी सुलियरी कोल ब्लाक के विस्थापित आरएंडआर पॉलिसी को लेकर काफी दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे थे। पंचायत चुनाव को देखते हुए धरना प्रदर्शन प्रशासन के सहमति के आधार पर बंद किए थे। इसी का फायदा उठाते हुए कंपनी ने हठधर्मिता दिखाते हुए गुरूवार को सुलियरी कोल ब्लाक का उत्खनन कराने के लिए मशीन लगा दी। इस दौरान कंपनी ने भारी पुलिस बल तैनात कर दिया था।
विस्थापितों ने सुझबुझ दिखाते हुए महिलाओं ने मोर्चा संभालते हुए काम बंद करने के लिए हाईवा व मशीनो के सामने बैठकर काम बंद का विरोध जताया। मामला गरमाते देख मौके पर कंपनी के अधिकारी के साथ-साथ एसडीएम और तहसीलदार पहुंच समझाने बुझाने के कार्य में जुटे हुए हैं लेकिन अभी तक विस्थापित आरएंड आर पॉलिसी पर अड़े हुए हैं।
गौरतलब हो कि सुलियरी कोल ब्लाक ने विस्थापितों से जो समझौता किया था उस समझौते पर कार्य नही कर रहा है। विस्थापितों से कहा गया था कि आरएडंआर पॉलिसी का जो नियम है उस नियम का शत प्रतिशत पालन करते हुए विस्थापितों को उनका लाभ मिलेगा। लेकिन कंपनी ने मुआवजा का वितरण तो किया लेकिन कई ऐसे विस्थापित हैं जिनका आज तक सही तरीके से मुआवजा तक नही मिल पाया है।
जब सही तरीके से मुआवजा ही नही मिला तो अन्य जो वायदे किए गए थे उसका पालन कितना सही होता होगा इसी से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।यही कारण था कि नवंबर माह से लेकर दिसंबर माह तक विस्थापित अपने हक के लिए कंपनी के रवैये से खफा होकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। तकरीबन 28 दिनो तक धरना प्रदर्शन चलता रहा। इधर त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के चलते आचार संहिता लगने के चलते विस्थापितों ने जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपते हुए कहा था कि आचार संहिता लगी है जिसके चलते धरना प्रदर्शन बंद कर रहे हैं लेकिन जब तक विस्थापितों को उनका हक नही मिलेगा तब तक कंपनी का कार्य नही होने देंगे।
इधर कंपनी मौका पाते ही फिर से कोल उत्खनन करने के लिए कार्य शुरू कर दिया। बताया जाता है कि गुरूवार को भारी पुलिस बल तैनात किया गया था ताकि काम में व्यवधान न उत्पन्न हो लेकिन विस्थापित भी मोर्चा संभालने के लिए एकजुटता दिखाते हुए भारी संख्या में महिलाएं काम बंद कराने के लिए कंपनी के वाहनों के सामने बैठकर विरोध जताने लगी।
स्थानीय सूत्र बताते हैं कि महिलाओं का विरोध देख कंपनी के अधिकारी भी सकते में आ गए और तत्काल इसकी सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई। जहां मौके पर एसडीएम व तहसीलदार पहुंच कर समझाईश व समझौता कराने में जुटे रहे।