अदाणी फाउंडेशन द्वारा निःशुल्क पशु चिकित्सा और टीकाकरण शिविर का आयोजन
जिला सिंगरौली मध्यप्रदेश से ब्यूरो चीफ विवेक पाण्डेय की खास रिपोर्ट
जिला सिंगरौली मध्यप्रदेश रिर्टन विश्वकाशी (RV NEWS LIVE) ब्यूरो न्यूज़//सरई तहसील अन्तर्गत धिरौली कोल प्रोजेक्ट के अन्तर्गत आनेवाले गांवों में अदाणी फाउंडेशन ने पशु चिकित्सा विभाग, लंघाडोल के सहयोग से एक सप्ताह में तीन निःशुल्क पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। सोमवार को बासी बेरदहा, मंगलवार को अमरई खोह और शुक्रवार को धिरौली गांव में आयोजित इन पशु चिकित्सा शिविरों में करीब 350 पशुओं का टीकाकरण किया गया और आवश्यक दवाईयां दी गयी। इन पशु स्वास्थ्य शिविरों में आसपास के गांव के पशुपालक काफी संख्यां में मुख्य रूप से बकरी, गाय, बैल और भैंस लेकर पहुंचे, जहां पशु चिकित्सा विभाग की टीम द्वारा जांच के उपरान्त निःशुल्क दवाई वितरित की गयी और आवश्यक सलाह दिए गए। उन्होंने पशुपालकों को सुझाव दिया कि पशुओं का समय-समय पर उनके खाने-पीने, रहन-सहन का पूरा ध्यान रखना चाहिए। अगर हम पशुओं की पूरी तरह से देखभाल करेंगे तथा समय पर दवाई, पशु आहार देते रहेंगे तो उनके रोगग्रस्त होने के खतरा को टाला जा सकता है साथ हीं दूध का उत्पादन बढ़ेगा और पशुपालकों की आमदनी में इजाफा होगा।
अदाणी फाउंडेशन द्वारा पशु चिकित्सा विभाग की टीम के साथ मिलकर निःशुल्क पशु स्वास्थ्य शिविर लगाने का मुख्य उद्देश्य गांव स्तर पर हीं पशुओं के सम्पूर्ण स्वास्थ्य की जांच कराने के उपरान्त उपचार प्रदान कर स्वस्थ बनाना है। इसके साथ हीं पशु टीकाकरण एवं पशुपालकों को दुग्ध उत्पादन एवं पशु प्रबंधन के प्रति जागरूक तथा उनकी क्षमताओं का विकास भी किया जा सके, जिससे दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के साथ कृषकों और पशुपालकों की आय में भी बढ़ोतरी संभव हो सके। इस मौके पर पशु चिकित्सा विभाग, लंघाडोल की टीम ने पशुओं के प्राथमिक इलाज और टीकाकरण के साथ-साथ पशुओं के पोषक तत्व की स्थिति और उनके समग्र स्वास्थ्य में सुधार के लिए पूरक खनिज-विटामिन मिश्रण के साथ-साथ स्वस्थ रखने के लिए सही समय पर टीकाकरण कराने जैसे कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। अदाणी फाउंडेशन के तरफ से गांव में लगाए गए इन निःशुल्क पशु चिकित्सा शिविरों का ग्रामीणों ने काफी तारीफ की।
बरसात के दिनों में पशुओं में सभी संक्रमित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। क्योंकि मौसम में आद्रता बढ़ जाती है जिससे जीवाणुओं को पनपने के लिए उपयुक्त वातावरण मिल जाता है। पशुओं में गलाघोंटू (सेप्टिसीमिया), लंगड़ा बुखार (ब्लैक क्वार्टर) और खुरपका व मुंहपका रोग (फूट एंड माउथ डिजीज) जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। गलाघोंटू रोग से ग्रस्त पशु को अचानक तेज बुखार हो जाता है। बुखार की चपेट में आने से रोगी पशु सुस्त रहने लगता है तथा खाना-पीना छोड़ देता है। पशु की आंखें भी लाल रहने लगती हैं। उसे सांस लेने में भी दिक्कत होती है। लंगड़ा बुखार प्रमुखता से बरसात के दिनों में गाय, भैसों को प्रभावित करता है। इस रोग में सूजन आने के बाद तेज बुखार आता है। यह रोग प्रायः सभी स्थानों पर पाया जाता है लेकिन नमी वाले क्षेत्रों में व्यापक रूप से फैलता है। खुरपका व मुंहपका रोग से पीड़ित पशुओं को तेज बुखार हो जाता है। मुंह से लार निकलने लगता है। इसी के साथ मुंह व खुरों में छाले पड़ जाते हैं। पशु खाना पीना भी कम कर देते हैं जिसके चलते चंद दिनों में ही कमजोर हो जाते हैं। इस रोग में समय से इलाज न मिला तो पशुओं की मौत भी हो जाती है।
अदाणी फाउंडेशन के बारे में
1996 में स्थापित, अदाणी फाउंडेशन वर्तमान में 18 राज्यों में सक्रिय है, जिसमें देश भर के 2250 गाँव और कस्बे शामिल हैं। फाउंडेशन के पास प्रोफेशनल लोगों की टीम है, जो नवाचार, जन भागीदारी और सहयोग की भावना के साथ काम करती है। वार्षिक रूप से 3.2 मिलियन से अधिक लोगों के जीवन को प्रभावित करते हुए अदाणी फाउंडेशन चार प्रमुख क्षेत्रों- शिक्षा, सामुदायिक स्वास्थ्य, सतत आजीविका विकास और बुनियादी ढा़ंचे के विकास, पर ध्यान केंद्रित करने के साथ सामाजिक पूंजी बनाने की दिशा में काम करता है। अदाणी फाउंडेशन ग्रामीण और शहरी समुदायों के समावेशी विकास और टिकाऊ प्रगति के लिए कार्य करता है, और इस तरह, राष्ट्र-निर्माण में अपना योगदान देता है।