सिंगरौली धिरौली ब्लॉक परियोजना: सैकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति ने जनसुनवाई को बनाया सफल
जिला सिंगरौली मध्यप्रदेश से ब्यूरो चीफ विवेक पाण्डेय की खास रिपोर्ट
जिला सिंगरौली मध्यप्रदेश रिर्टन विश्वकाशी (RV NEWS LIVE) ब्यूरो न्यूज़//सरई तहसील अन्तर्गत स्ट्राटाटेक मिनेरल रिसोर्सेस प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित धिरौली कोल ब्लॉक परियोजना से प्रभावित गांवों के विस्थापितों के लिए पुनर्वास एवं पुनर्व्यस्थापन स्कीम हेतु गुरुवार को शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय, बासी बेरदहा में जिला प्रशासन द्वारा सफलतापूर्वक लोक सुनवाई का आयोजन किया गया। इस जनसुनवाई में मंच का संचालन जिला पुनर्वास एवं पुनर्व्यस्थापन नीति के प्रशासक श्री डी पी वर्मन द्वारा किया गया जबकि इस मौके पर जिला भू अर्जन अधिकारी और जॉइन्ट कलेक्टर श्री राजेश कुमार शुक्ला भी मौजूद थे वहीं स्ट्राटाटेक मिनेरल रिसोर्सेस प्राइवेट लिमिटेड के तरफ से सिंगरौली क्लस्टर हेड श्री बच्चा प्रसाद उपस्थित थे।
तेज बारिश के बावजूद जनसुनवाई में धिरौली कोल ब्लॉक परियोजना से प्रभावित होनेवाले गावों आमडांड, अमरइखोह, बासी बेरदहा, बेलवार एवं सिरसवाह के लगभग 1000 से ज्यादा ग्रामीण मौजूद थे। इस जनसुनवाई के दौरान मंच से जहां जिला पुनर्वास एवं पुनर्व्यस्थापन नीति के अन्तर्गत प्रशासक श्री डी पी वर्मन के द्वारा विस्थापितों/प्रभावितों को दी जानेवाली प्रस्तावित सुविधाओं का जिक्र किया वहीं ग्रामीणों से उनके सुझाव भी मांगे ताकि दी जानेवाली सुविधाओं में उचित संसोधन किया जा सके।
गौरतलब है कि जहां कहीं भी कोल परियोजना की शुरुआत होती है, वहां के स्थानीय लोगों को भूअर्जन के लिए समुचित मुआबजा की राशि दिए जाने के बाद उनके विस्थापन के लिए विशेष तौर पर पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन नीति तैयार की जाती है ताकि उन्हें और उनके परिवार को किसी तरह की परेशानी न हो। इसके तहत विस्थापित परिवारों के लिए मकान/प्लॉट की व्यवस्था, विस्थापन हेतु परिवहन खर्च, पशुबाड़ा निर्माण हेतु राशि, पुनर्व्यवस्थापन भत्ता, अनुदान राशि, परिवार के एक सदस्य को नौकरी, स्वराजगोर के लिए राशि, वृद्धावस्था पेंशन, चिकित्सा सुविधा आदि का प्रावधान है। इसके अलावा बच्चों के लिए बेहतर स्कूल, छात्रवृत्ति सुनिश्चित किया जाता है। साथ हीं पुनर्वास कॉलोनी में पक्की सड़क, नालियां, रौशनी की व्यवस्था, शुद्ध पेय जल, उचित मूल्य दूकान, आंगनबाड़ी भवन, हाट बाजार, विद्यालय भवन, सार्वजनिक खेल का मैदान, प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र, सामुदायिक भवन, श्मशान या कब्रिस्तान का निर्माण, मंदिर/मस्जिद की स्थापना और शौचालयों की व्यवस्था जैसी बुनियादी जरूरतों का खास ख्याल रखा जाता है। इस जनसुनवाई में इस प्रोजेक्ट से विस्थापित होनेवाले ग्रामीणों द्वारा कुछ मांगें रखी गईं जैसे विस्थापन हेतु परिवहन खर्च की राशि को बढ़ाया जाए आदि। अधिकारियों ने प्रभावितों/विस्थापितों को उनकी मांगो पर विचार करने का भरोसा दिलाया।
कोल परियोजना शुरू होने पर स्थानीय स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, तथा कौशल विकास के साथ-साथ क्षेत्र की महिलाओं के लिए महिला उद्यमी बहुउद्देशीय सहकारी समिति का संचालन से क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होता है। पूंजी का प्रवाह सिंगरौली क्षेत्र में होने कारण आसपास के क्षेत्र का विकास हो रहा है। जो भी निजी अथवा सरकारी कम्पनी प्रोजेक्ट लगा रही हैं, उनके द्वारा अपने लाभांश का हिस्सा सामाजिक उत्तरदायित्व कार्यक्रम के तहत कोर व वफर जोन के प्रगति के लिए किया जा रहा है।
पर्यावरण अनुकूल खनन के लिए प्रक्रिया सरल बनाई गई है।धिरौली कोल ब्लॉक निजी और सरकारी जमीन मिलाकर कुल 2672 हेक्टेयर में फैला है, जिसकी उत्पादन क्षमता 6.5 एमटीपीए है। जनसुनवाई के दौरान कई बुजुर्ग ग्रामीणों के साथ-साथ धिरौली प्रोजेक्ट हेड श्री राज किशोर सिंह, सुलियारी प्रोजेक्ट हेड श्री अमरेंद्र कुमार और एच आर क्लस्टर हेड श्री विनोद यादव भी मौजूद थे। खदान के शुरू होने से इस क्षेत्र के आर्थिक विकास के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्थान होगा जिससे तेजी से सामाजिक विकास होगा।