अदाणी फाउंडेशन की मदद से मशरूम की खेती कर महिलाएं आत्मनिर्भर बनने की राह पर

अदाणी फाउंडेशन की मदद से मशरूम की खेती कर महिलाएं आत्मनिर्भर बनने की राह पर

 ब्यूरो चीफ विवेक पांडेय 



सिंगरौली, अक्टूबर 27, 2023: सरई तहसील अन्तर्गत धिरौली एवं सुलियरी परियोजना के आसपास के गावों की महिलाओं को स्‍व-रोजगार के लिए प्रोत्‍साहित करने और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से अदाणी फाउंडेशन उन्हें मशरूम की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इसके लिए स्थानीय महिलाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देने के साथ-साथ उनके उत्पाद के लिए बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा। गुरुवार को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गयी इस योजना के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूह से जुड़ी झलरी, आमडांड, बेलवार और बजौड़ी गांवों की 36 महलाओं को मशरूम का बीज लगाने और पैकेजिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। अदाणी फाउंडेशन के द्वारा इन ग्रामीण महिलाओं को निःशुल्क प्रशिक्षण के साथ-साथ मशरूम की खेती के लिए आवश्यक कच्चा माल भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। 



महिलाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रहा अदाणी फाउंडेशन के द्वारा इस मुहिम के अंतर्गत फिलहाल ऑयस्टर मशरूम के उत्‍पादन के बारे में महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है। अलग-अलग वातावरण के अनुकूल मशरूमों की खेती कर महिलाएं सालों भर कम लागत से अधिक मुनाफा कमा सकती हैं। इनके साथ ही इन महिलाओं को मशरूम की खेती की तकनीक, लगने वाली बीमारियों से लेकर उसकी बिक्री और उसमें वैल्यू एडिशन आदि की जानकारी भी दी जाती है। एक बैग में करीब 1.5  से 2  किलो मशरूम उगाया जाता है।  मशरूम के एक बैग को तैयार करने में लगभग 50 रुपए की लागत आती है जिसे बेचकर एक महिला प्रतिदिन 300 रुपए तक की मुनाफा कमा सकती हैं और घर बैठे हर महीने औसतन 9000 रुपये की आमदनी का जरिया बन सकता है। स्थानीय बाजार में दूध के कारोबार से जुड़े लोग उनके उत्पाद को उचित मूल्य पर घर से इकट्ठा कर स्थानीय बाजार में बिक्री करते हैं और इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है।  

इस परियोजना के तहत अदाणी फाउंडेशन की टीम ने स्वरोजगार और गरीबी उन्मूलन को प्रोत्साहित करने के लिये एक ही सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से आने वाले लोगों के स्वयं सहायता समूहों का चयन किया। जैसे-जैसे उत्पाद के लिए बाजार मिलता जायेगा, मशरुम उत्पादन कार्य में अधिक से अधिक स्थानीय महिलाओं को जोड़ा जायेगा। अदाणी फाउंडेशन के तकनीकी टीम की मदद एवं आर्थिक सहयोग देकर इसे आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।


गौरतबल है कि सरई तहसील अन्तर्गत झलरी, बजौड़ी, डोंगरी, अमरईखोह, बेलवार और धिरौली गांवों में जरूरतमंद महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में 'सक्षम' योजना के तहत अदाणी फाउंडेशन की तरफ से विशेष पहल की गयी है। स्थानीय ग्रामीण महिलाओं को हुनरमंद बनाने और रोजगार के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से झलरी और धिरौली गांव में निःशुल्क सिलाई प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की गई है। अब तक 80 अभ्यर्थियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण दिया जा चुका है जिसमें कुछ अच्छी कमाई भी करने लगी हैं। अदाणी फाउंडेशन द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत स्वरोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षण के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

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